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चौथा वेतन आयोग

चौथा वेतन आयोग: सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बदलाव का दौर

देश की आजादी के बाद भारत सरकार ने देश के विकास के लिए कई अहम कदम उठाए. इनमें से एक महत्वपूर्ण कदम था सरकारी कर्मचारियों के लिए उचित वेतन व्यवस्था का निर्माण करना. इस दिशा में पहला वेतन आयोग 1946 में बनाया गया था. इसके बाद हर दस साल में वेतन आयोग बनाकर सरकारी कर्मचारियों […]

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भारत में पोस्टमैन की तनख्वाह क्या, कैसे और कितनी Postman Salary in India What, How and How Much

भारत में पोस्टमैन की तनख्वाह: क्या, कैसे और कितनी?

डाक विभाग भारत का एक महत्वपूर्ण विभाग है. यह देश के कोने-कोने तक चिट्ठियाँ, पार्सल और अन्य डाक सामग्री पहुँचाने का काम करता है. इस विभाग में कई तरह के कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण पद है – पोस्टमैन. आपने कभी न कभी तो पोस्टमैन को देखा ही होगा. ये वही लोग

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तीसरा वेतन आयोग वेतन और कल्याण का मिश्रण Third Pay Commission A mix of pay and welfare

तीसरा वेतन आयोग: वेतन और कल्याण का मिश्रण

आजादी के बाद भारत सरकार ने देश के विकास के लिए कई कदम उठाए. इनमें से एक महत्वपूर्ण कदम था सरकारी कर्मचारियों के लिए उचित वेतन व्यवस्था का निर्माण करना. पहले दो वेतन आयोगों (1946 और 1957) ने इस दिशा में अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन सरकारी कर्मचारियों की ज़रूरतों और अपेक्षाओं को पूरा करने

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दूसरा वेतन आयोग: वेतन संरचना में बदलाव का दौर Second Pay Commission: A period of change in salary structure

दूसरा वेतन आयोग: वेतन संरचना में बदलाव का दौर

आज़ादी के बाद भारत सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थी देश का पुनर्निर्माण और तेज़ी से विकास करना. इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार को कुशल और मेहनती सरकारी कर्मचारियों की ज़रूरत थी. इसके लिए उन्हें उचित वेतन और बेहतर कार्य-व्यवस्था देना ज़रूरी था. पहले वेतन आयोग (1946) ने सरकारी

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पहला वेतन आयोग: स्वतंत्र भारत में वेतन व्यवस्था की नींव

आज़ादी के बाद भारत सरकार के सामने कई चुनौतियां थीं. इन चुनौतियों में से एक सरकारी कर्मचारियों के लिए उचित वेतन व्यवस्था का निर्माण करना भी था. उस समय तक अंग्रेजों के राज में वेतन व्यवस्था अव्यवस्थित थी. कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन उनके पद या उनके काम के हिसाब से नहीं, बल्कि उनके नस्ल

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